Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -18-Aug-2022चाय के संग यादें

लेखिका-प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक- चाय के संग यादें

पति पत्नी बैठे थे साथ,
आपस में कर रहे थे बात।

तुम्हें याद है ये बरसात,
तुम्हें याद है ये सुहानी सांझ।

चलो मिलकर करते हैं ताजा याद,
जो हमारे लिए बनी गई थी चाय वाली रात।

जब हम घर के बाहर थे खड़े,
देखा जब तुमने हमें।

थे जब हम पराए,
फिर भी अंदर बुलाया आपने।

ठिठुर रहा था हमारा बदन,
ना देखा गया आपसे।

अदरक वाली चाय लाई आप बनाके,
उस चाय के हो गए थे हम दीवाने।

तब से दिल दे बैठे थे तुम्हे,
मन में बना ली थी एक उम्मीद।

चाय की याद,
वो बरसात की शाम।

एक दूसरे के बन बैठे थे साजन,
किया था हमने  तुमसे इजहार।

तुमने किया कबूल प्यार,
आज देखो बैठे हैं एक साथ।

कर रहे हैं उस चाय को याद,
जो बन गई थी हमारी पहली मुलाकात।

जिसने बनाया था मुझे दीवाना,
आज भी है उस चाय का जायका।

जो कर देती है अपनी यादों को ताजा,
चलो दुबारा करते हैं उन यादों को ताजा।

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10 Comments

Mithi . S

20-Aug-2022 03:23 PM

Nice

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Abhinav ji

19-Aug-2022 09:20 AM

Very nice👍

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